बातें कोरी बातें नहीं होती। उससे जुड़े होते हैं कई एहसास। तेरी मेरी बात में लाइव हिंदुस्तान की चीफ़ कंटेंट क्रिएटर और आपकी होस्ट पूनम जैन करेंगीं खूब सारी बातें, उन आदतों और बेचैनियों की, जो हमें अटकाती हैं, आगे बढ़ने से रोकती हैं। आप सुन रहे हैं एच टी स्मार्टकास्ट और ये है लाइव हिंदुस्तान प्रोडक्शन।
Sat, September 18, 2021
बदलाव ही ऐसी चीज़ है जो हमेशा हमारे साथ रहती है | ऐसे में हमे खुदको हर बदलाव के लिए तैयार रखना चाहिए | बदलाव होने पर हमें गुस्सा आता है, क्योंकि हम चाहते हैं कि चीजें हमारे मनमुताबिक हों। हम चीजों को किसी और तरह से होते हुए देखना चाहते थे। बदलावों के बीच अपना फोकस बनाए रखने का एक तरीका है माइंडफुलनेस का अभ्यास। आज तेरी मेरी बात पर इसी पर बात |
Sat, August 07, 2021
अपने काम से नाखुश बने रहना, हमें कहीं नहीं ले जाता। काम हो या फिर काम का माहौल, अगर पसंद नहीं है, तो उसे बदलने की कोशिश कीजिए। और, जब तक नहीं बदल पा रहे, तब तक जो भी काम है, उसे खुशी से ही कीजिए। यह सच है कि कामकाजी दुनिया में कई तरह की उठा-पटक होती हैं, पर दिक्कतें तो हर जगह होती हैं। इसलिए नाखुश हैं, तो अपने काम से जुड़ी कुछ बातो ंपर भी काम करिए। अपने काम से खुश रहना है तो क्या करें, तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात
Mon, August 02, 2021
हम सब इस समय एक साझे दुख से जुड़े हुए हैं। किसी को अपनी चिंता है तो किसी को अपनों र्की। हर घर की अलग कहानी है। किसी का दुख छोटा या झूठ नहीं है। पर, हर समय दुखी रहकर जो है, उसे तो खोया नहीं जा सकता। बहुत कुछ है, जो हमारे हाथ में है। हमारा दुख एक है तो सुख भी। डर सच है तो हमारी हिम्मत भी। अपनी सोच से कहीं ज्यादा, हम अपनी और दूसरो की मदद कर सकते हैं, कैसे तेरी मेरी बात में इसी पर बात |
Fri, July 23, 2021
मन जब बहुत दौड़ता है तो हमें दौड़ाने लगता है। कई दफा इतना दौड़ा देता है कि कुछ और करने की ऊर्जा ही नहीं बचती। बिना किसी सिर पैर के किसी भी तरफ भागने लगता है। ना कोई काबू, ना कुछ सही-गलत, हम बस बेकार की ऊट-पटांग बातें सोचते रहते हैं। सब तो टोकते ही हैं, हमें भी लगता है कि दिमाग को थोड़ा रिलैक्स करने की जरूरत है। मन को शांत करने के लिए हम क्या कर सकते हैं, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात
Fri, July 16, 2021
कई बार तन और मन इतने थक जाते हैं कि हम सीधे-सादे से एक आसान दिन की चाह से भर उठते हैं। रोज की उठा-पटक और हर समय काम ही काम पर हम चौबीस घंटे दौड़ तो नहीं सकते। हमें अपने तनाव को कम करना आना ही चाहिए। और यह नामुमकिन भी नहीं है। कुछ बातों को अमल में लाकर हम वाकई अपनी जिंदगी को आसान बना सकते हैं। तेरी मेरी बात में इसी पर बात
Tue, July 13, 2021
आए दिन हम किसी न किसी समस्या से जूझ रहे होते हैं- इतनी भागदौड़, मेहनत और स्ट्रेस का सामना करके हम खुद को फंसा हुआ महसूस करते हैं। क्या यह सोचने की बात नहीं है कि कहीं हमें खुद को बदलने की जरूरत तो नहीं? कई बार खुद में छोटे-छोटे बदलाव जिंदगी को बदल देते हैं और जब सब कुछ बदलता है तो प्रकृति की छोटी से छोटी रचना भी अपना रूप बदलती है, तो हम एक से क्यूं रहें! खुद को कैसे रीइेंवेंट करें, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात
Fri, July 02, 2021
दिमाग को रिलैक्स करने का सबसे सही समय वही होता है, जब वह स्ट्रेस्ड होता है, अशांत होता है। हमें अपना ध्यान भी उसी समय सबसे ज्यादा रखने की जरूरत होती है, जब हमें लगता है जिंदगी में सुकून के लिए समय कहां है? तनाव के कई कारण हो सकते हैं, पर तनाव बढ़ जाता है, जब हम अपनी देखभाल करना छोड़ देते हैं। कौन-सी बातें करेंगी आपके तनाव को कम, आइए जानें
Fri, June 25, 2021
बात जब अपनी या अपनों की हो, तो हम कोई कसर नहीं छोड़ते। पर कई बार हम चाहकर भी सब कुछ नहीं कर पाते। कभी चीजें बूते से बाहर होती हैं, तो कई बार सब कुछ होने पर भी हाथ खाली रह जाते हैं। आप दुखी होते हैं, दूसरों को कोसते हैं। खुद को दोष देते रहतेे हैं, पर इससे दुख तो कम नहीं होता! मन को समझा लेना ही काफी नहीं होता, उसे ठीक से समझाना पड़ता है। अपने इमोशनल स्ट्रेस को कैसे डील करें, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात।
Fri, April 16, 2021
तनाव, स्ट्रेस तन-मन दोनों को थका देता है। खून की तरह तनाव भी हमारी रग-रग में दौड़ता है। तनाव के कारण ही चेहरा तना-तना सा रहता है कुछ भी करने का जोश ठंडा पड़ने लगता है। एक से काम और एक-सी चिंताओं में हमारे चेहरे की हंसी गायब हो जाती है। अगर तनाव झेलते हुए लंबा समय हो गया है, तो जानिने , तनाव दूर करने वाले कुछ आसान उपायतेरी मेरी बात में इसी पर बात।
Fri, March 26, 2021
सुख के हजार रंग हैं तो दुख भी कई रंग हैं। रंग पक्के भी होते हैं और कच्चे भी। हर रंग सब पर एक सा नहीं खिलता, ना ही देर तक टिकता ही है। अंधेरे में जो तस्वीर दिखती है, असल में कुछ और ही होती है। हमारी उम्मीदें, हर रंग को बदल देती हैं। असली रंग प्यार और भरोसे की रोशनी में चमकते हैं। होली के मौके पर जिं़दगी में खुशियों के रंग कैसे लाएं, तेरी मेरी बात में इसी पर बात
Fri, March 12, 2021
Fri, March 12, 2021
Fri, February 26, 2021
तरक्की की ओर कदम बढ़ाना हर एक के लिए आसान नहीं होता। कई बार सब कुछ परफेक्ट होता है। पर आगे कदम बढ़ने के लिए जो हिम्मत चाहिए, हम नहीं जुटा पाते। पर, हम जहां हैं, वहां भी हमेशा बने नहीं रह सकते! हम या तो आगे बढ़ सकते हैं या फिर पीछे छूट जाते हैं। आगे बढ़ने पर डर लगता है तो क्या करना चाहिए, इसी पर आज की तेरी-मेरी बात।
Fri, February 19, 2021
हम दूसरों के बारे में सब कुछ नहीं जानते। कोई किस चिंता से जूझ रहा है, हमें नहीं मालूम। दूसरों से किसी तरह की सख्ती करते समय हमें उन्हें थोड़ी छूट जरूर देनी चाहिए। उनकी कोई मजबूरी हो सकती है... बेनिफिट ऑफ डाउट देना चाहिए। हमारी छोटी सी मुस्कान, अपनेपन का स्पर्श, मदद के हाथ, दूसरों की सुन लेने वाले कान, कई छोटी-छोटी बातें हैं, जो हमें बड़े दिलवाला बना देती हैं। तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात
Fri, February 12, 2021
कभी-कभार यह बात परेशान कर देती है कि हर कोई बिजी है। हम बोलना चाहते हैं, तो दूसरों के पास समय नहीं। कभी दूसरे मिलना चाहते हैं तो हम मना कर देते हैं। पर हम लगातार दौड़ तो नहीं सकते? थोड़ी देर के लिए ही, पर अपने सुकून की छोटी-छोटी कोशिशें तो हम कर ही सकते हैं। तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात |
Fri, February 05, 2021
समझौता यानी मजबूरी का नाम। हममें से ज्यादातर यही सोचते हैं। कंप्रोमाइज करने के लिए हम आसानी से तैयार नहीं होते। मन में गुस्सा और कड़वाहट रहती है। हम बुरा महसूस करते हैं। पर क्या समझौतों के बगैर जिंदगी संभव है? कहीं ऐसा तो नहीं कि खुद के साथ या फिर दूसरों से तालमेल बिठाने की हर जरूरी कोशिश को हम समझौते के चश्मे से देखने लगे हैं। समझौता करना हमेशा बुरा नहीं होता इसी पर आज की तेरी-मेरी बात|
Fri, January 29, 2021
लोग क्या कहेंगे, बड़ा दम है इस बात में। जैसे ही मन में यह बात आती है, हमारे चलते हाथ रुक जाते हैं और बढ़े हुए कदम ठहर जाते हैं। पर, कुछ लोग दूसरों के कहे कि ज्यादा ही परवाह करते हैं। इतनी कि वे अपने मन की कर ही नहीं पाते। दूसरे क्या कहेंगे, इस आदत से कैसे छुटकारा पाएं, इसी पर तेरी-मेरी बात |
Fri, January 22, 2021
दुनिया में देखने-समझने और करने के लिए बहुत कुछ है। हम चाहकर भी सब कुछ नहीं कर सकते। हम सबकी लिमिट्स होती हैं। पर, लिमिट्स हमेशा रोकती नहीं हैं। समस्या सीमाएं होने से नहीं, उन्हें न जानने से होती हैं। हाइकु कविता की तरह लिमिट्स में हम बहुत कुछ बढि़या रच सकते हैं। तेरी-मेरी बात में आज करेंगे हाइकु प्रोडक्टिविटी पर बात |
Fri, January 15, 2021
कम का मतलब हमेशा मज़बूरी या समझौता नहीं होता। बहुत सारी ज़रूरतें ऐसी हैं, जिन्हें हमने बेकार ही जोड़ा हुआ है। फालतू की ये चीजे़ं हमें उलझाती ही ज़्यादा हैं। कई बार कम होना ही ज़्यादा होना है। छोड़ना ही पाना है। किन ज़रूरतों में करें कमी, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात
Fri, January 08, 2021
ज्यादातर के लिए नया साल पुराना हो चुका है। हर साल एक दूसरे को न्यू ईयर विश करने की रस्म होती है, जो निभाई जा चुकी है। बाकी क्या बदला? हम पुराना ही खोजते रहे। पुराने पर अटके रहे। पुराने होते गए। पर बीते सालों की धुंध हटेगी तो नए साल की धूप का स्वागत कर पाएंगे! नयापन महसूस हो तो कैसे? इसी पर आज की तेरी-मेरी बात।
Fri, January 01, 2021
यूं बीस-इक्कीस का फर्क बहुत मायने नहीं रखता। पर अंतर तो होता है। मन में थोड़ी टीस भी रह ही जाती है। फिर जब सारी दुनिया 2021 में आ गई है तो आप 20 में ही क्यों अटके रहें। आप भी इक्कीस क्यों न बनें। तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात।
Fri, December 25, 2020
यह साल लोगों के लिए हैरान-परेशान करने वाला रहा। सब यही चाह रहे हैं कि बस, अब जल्द सब पहले की तरह हो जाए। साल के बचे दिन शांति से गुज़र जाएं। पर चाहने और होने में अंतर होता है। हमें अभी अपना और अपनों का ध्यान आगे भी रखना है। कमजोर हो चुके भरोसे को फिर से मजबूत करना है। कैसे बढ़ाएं नए साल की ओर कदम, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात।
Fri, December 18, 2020
जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। हम भले ही हर हालात पर काबू नहीं पा सकते, पर अपनी सोच जरूर बदल सकते हैं। हमारा नजरिया ही है, जो हमारी जीवन यात्रा को आसान बनाता है। कुछ बातें हैं, जिन्हें अपनाने से, कठिन हालात में खड़े होने का हौसला मिलता है। ऐसी बातें जो जब समझ आ जाएं, तब अच्छा, तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात
Fri, December 11, 2020
रात के बाद सुबह आती ही है और सुबह उजली ही अच्छी लगती है। दुख और तनाव के क्षण कई बार इतने लंबे हो जाते हैं कि यही पता नहीं चल पाता कि अब सुबह हो गई है। सुबह की ओर लौटना खुद की ओर लौटना भी होता हैै। कई छोटे-छोटे तरीके हैंं, जो आपकी सुबह को ध्यान और ताजगी भरा बना सकते हैं। अपनी सुबह को कैसे उजली बनाएं तेरी मेरी बात में इसी पर बात
Fri, December 04, 2020
शरीर के डीटॉक्सिफिकेशन की बात हम खूब करते हैं, पर मन को भी डिटॉक्सिफाई करना जरूरी है। घर-बाहर को चमकाना ही काफी नहीं होता। मन को मांजना भी जरूरी होता है। मन पर जो टॉक्सिक विचारों की परतें चढ़ जाती हैं, उन्हें भी तो उतारना चाहिए। मन की सफाई कैसे करें, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात।
Fri, November 13, 2020
दीवाली खुशहाली का त्योहार है। इस दिन हम धन, धान और ध्यान तीनों को ही पूजते हैं। हमारे धर्म और दर्शन धन को बुरा नहीं मानते, पर उसे सब कुछ भी नहीं मानते। हमारी जेब भले हल्की हो, पर यह भरोसा होना चाहिए कि हमारी मेहनत की कमाई खूब बरकत देगी। हमारा खर्च किया धन जिसके पास जाएगा, उसके चेहरे की खुशी बनकर चमकेगा। और उस रोशनी से बढ़कर क्या होगा, जिसमें सबकी खुशी शामिल हो। आप भी कम धनवान नहीं, तेरी मेरी बात में इसी पर बात
Fri, November 06, 2020
त्योहार के दिन पास हैं। साफ-सफाई और ख़रीदारी का ढेर सारा काम भी करना है। इसी से जुड़ी एक बात है। हम नया सामान जोड़ते रहते हैं और पुराने का ढेर लगता रहता है। हम सामान ना खुद इस्तेेमाल करते हैं और ना उसे दूसरों के लायक छोड़ते हैं। बहुत सारी रद्दी यानी सामान की बर्बादी और हमारी सोच की गरीबी। फिर, सामान तो सामान होता है, रद्दी उसे हम बना देते हैं। चीजों को रद्दी करती हमारी सोच पर ही आज की तेरी-मेरी बात
Fri, October 30, 2020
कोविड-19 से थम गई जिंदगी की रफ्तार फिर से चलने लगी है। अब तो त्योहार भी शुरू हो गए हैं। धीरे-धीरे ही सही, सब वापस अपनी दुनिया में लौटने की कोशिश कर रहे हैं। पर, कई लोग हैं जो अभी भी अटके हुए हैं। क्यों आप हर समय बुझे हुए रहते हैं? थोड़ा अपने मन को ठीक करिए ना। त्योहार पास, ना रखें मन उदास, तेरी मेरी बात में इसी पर बात
Fri, October 23, 2020
जन्म से हमें दो हाथ मिले हैं। पर हम जितना ख़ुद को ‘इवॉल्व’ करते हैं, सुख-समृद्धि के कई हाथ उठ खड़े होते हैं। हम तन के साथ मन से जुड़ते हैं। भीतर की शक्ति की उंगली थामे हम धीरे-धीरे अपूर्ण से पूर्ण होने लगते हैं। माँ दुर्गा की तरह हमारी शक्ति के भी कई हाथ होते हैं। हमें अपने और हाथों को भी विकसित करना चाहिए। तेरी मेरी बात में इसी पर बात
Fri, October 16, 2020
सफलता के मायने सबके लिए एक नहीं होते। किसी के पास काम नहीं है, यदि काम है तो वह उससे ख़ुश नहीं है। किसी को हमेशा काम छूटने का डर सताता रहता है। कोविड-19 ने इन संकटों को और बढ़ा दिया है। हम हर कार्य को सफलता की मंज़िल तक पहुँचा सकते हैं, शर्त ये कि काम के प्रति हम अपनी सोच बदलने में कामयाब हो जाएँ। करियर में कैसे पाएंँ सफलता, तेरी मेरी बात में इसी पर बात।
Sat, October 10, 2020
झटका लगा नहीं कि अटक गए। कभी हालात के तो कभी दूसरों की गलत मंशा के झटके तो लगते ही रहते हैं। पर कई दफा हम इसलिए रुके रह जाते हैं कि आगे के रास्ते की तैयारी नहीं करते। हमें आगे बढ़ना है तो लगातार खुद पर काम भी करना होगा। और बेहतरी के लिए बदलाव का ये काम किसी हड़बड़ी में नहीं, हर दिन धीरे-धीरे करना होगा। थोड़ा काम हम खुद पर भी करें, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात
Sat, September 26, 2020
बाहर की दुनिया की सीमाएं हैं, पर भीतर की नहीं। तर्क यानी लॉजिक्स हमें तय दूरी तक ले जाते हैं, पर कल्पनाएं कहीं भी ले जाती हैं। हमारे सपने, हमारी सोच की उंगली पकड़कर ही सच की सांसें ले पाते हैं। हम सब कल्पनाएं करते हैं, कल्पनाओं के घोड़े सबके दौड़ते हैं, पर उन्हें देर तक सब नहीं दौड़ा पाते। सोच के रास्ते में स्पीड ब्रेकर भी तो होते हैं। कल्पनाओं के रास्ते में रुकावटों के किलों को हटाएं, इसी पर तेरी-मेरी बात
Fri, September 18, 2020
हम सब चीजों को अपने काबू में करना चाहते हैं और, सब चीजें हमारे काबू में कभी नहीं होतीं। हमें चुनौतियों से पार पाने की कोशिश करनी चाहिए। पर, चुनौतियां आएं ही नहीं या नतीजे मन मुताबिक ही हों, यह जिद और बेचैनी हमें बीमार कर देती है। हमें कुछ नहीं करने देती। एक ही चिंता में अटकाए रखती है। सोचें नहीं तो कया करें, तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात |
Fri, September 11, 2020
शांति, प्रेम, सहयोग, संघर्ष और बदलाव के जितने रंग हमारे जीवन में हैं, उसे कहीं अधिक रंग हमारे इस प्रकृति में हैं। प्रकृति अपने चहेतों को बहुत कुछ दे देती है। कुछ होने या न होने के किसी भी गुमान को प्रकृति से बेहतर कोई समझ और समझा नहीं सकता। कैसे जिएं प्रकृति को, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात | आज की बात में हम सीधा प्रकृति के पास ही चलते हैं अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए|
Fri, September 04, 2020
समस्या देखते ही हम घबरा उठते हैं। हमें लगता है कि हम मजबूती से इसका सामना नहीं कर पाएंगे। हम सोच ही नहीं पाते कि कभी अपने दुख से बाहर भी आ सकेंगे। हम अतियों में जीते हैं। छोटी सी बात पर बहुत खुश तो कभी बहुत दुखी। कभी खुद को ज्यादा ही मजबूत मान लेते हैं, तो कभी थोड़ा सा भी भरोसा नहीं रख पाते। कमजोर नहीं हैं आप, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात
Fri, August 28, 2020
हममें और कुदरत में एक अंतर है। हम पकड़ तो लेते हैं, पर उसी सहजता से छोड़ नहीं पाते। घर-ऑफिस के रिश्ते हों, पद -प्रतिष्ठा हो, वस्तुएं या विचार हों, अपने कदमों को पीछे करना मुश्किल ही होता है। एक बार चीज आकार लेती है, तो उससे अलग होने का काउंटडाउन भी शुरू हो जाता है। जीवन में पकड़ना और छोड़ना दोनों ही सुंदर होने चाहिए, तेरी मेरी बात में इसी पर बात |
Fri, August 21, 2020
हम सबके भीतर कई सच छिपे बैठे हैं। हमारे अपने छोटे-बड़े सच, जिन्हें हम बाहर निकलने से रोक देते हैं। हमारी सच्चाइयों के बारे में बात करना ज़रूरी है, हमारा अपने भीतर दुबका हुआ सच खलबली मचाने लगता है। इस विषय पर आज की चर्चा, खुद के बारे में यह सच्चाई वहां खुले में क्यों होनी चाहिए |
Fri, August 14, 2020
मेरी मर्जी, मेरी आजादी,.. . यही कहते हैं ना। क्या मतलब होता है इसका। मैं चाहे ये करूं, मै चाहे वो करूं। नहीं, मेरी आजादी का मतलब दादागीरी कतई नहीं है। मेरी आजादी का मतलब दूसरे की आजादी में दखल देना नहीं हैं। किसी के आगे अड़ जाना या किसी को मजबूर कर देना, ये तो आजादी नहीं हुई. . . तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात
Sat, August 08, 2020
हम यूं ही बैठे रहते हैं। बैठना भी एक लत है। पहले मामूली कामों के लिए खड़े नहीं होते। फिर जरूरी कामों के लिए भी बैठे रह जाते हैं। हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने की यह आदत शरीर ही नहीं, सोच को भी बिठा देती है। कहीं आपको तो ये लत नहीं! इस कड़ी में, हम सक्रिय रहने के महत्व पर चर्चा करते हैं
Fri, July 31, 2020
हमें दुसरो की प्रशंसा क्यों करनी चाहिए? आज के इस एपिसोड में होस्ट, पूनम जैन बताएंगी की क्यों हमें दुसरो की ख़ुशी में खुश होना चाहिए, क्यों दुसरो की प्रशंसा करना बहुत महत्वपूर्ण है।
Fri, July 24, 2020
क्या मस्त रहने के लिए व्यस्त रहना ज़रूरी है ? आज के इस एपिसोड में होस्ट, पूनम जैन, बताएंगी कि हर समय व्यस्त रहना ही मस्ती नहीं होती और व्यस्तता का सफलता से मेल ज़रूरी नहीं है।
Fri, July 17, 2020
सोच भी बढ़ाती है हमारी इम्युनिटी I आज के इस एपिसोड में होस्ट, पूनम जैन , विज्ञान की मदद से हमें बताएंगी की कैसे एक इंसान की इम्युनिटी बेहतर करने में दिमाग का भी भोत बड़ा हाथ होता है। यह जानकारी भोत ही महत्वपूर्ण है क्युकी इस महामारी से लड़ने का तरीका एक मजबूत इम्युनिटी ही है ।
Sat, July 11, 2020
कहीं हम उल्टा तो नहीं सोच रहे? मजे की बात तो ये है कि हमें दूसरों की सोच तो नेगेटिव नजर आती है, पर अपनी नहीं। इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, नेगेटिव थिंकिंग से बचने के तरीके बतातीं हैं।
Fri, July 03, 2020
क्या आपके हार्मोन्स खुश रहते हैं? क्या कई बार आपके साथ होता है कि कारण कुछ नहीं होता, बस आप उदास होते है? इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, हार्मोन्स पर बात करेंगी।
Fri, June 26, 2020
मनुष्य एक दुसरे का दुःख-दर्द समझ सकते हैं, पर सिर्फ कुछ ही लोगों का | दया और करुणा सबके लिए होना चहिये | इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, इस विषय पर बात करेंगी।
Fri, June 19, 2020
योग क्या है? योग का सही समय क्या हो? भोजन के तुरंत बाद योग क्यों नहीं करना चाहिए?पानी पिएं या नहीं? पीरियड्स में योग करें या नहीं? इस बार योग दिवस से पहले, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात
Fri, June 12, 2020
मन की कितनी ही उधेडबुन एक अच्छी नींद के बाद मामूली सी नजर आती हैं। कितने ही सवाल, नींद से गले मिल कर अपने जवाब ढू़ंढ़ लेते हैं। पर दिक्कत तो यही है कि अच्छी नींद आए तो कैसे? इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, इस विषय पर बात करेंगी।
Fri, June 05, 2020
दूसरे के बहाव में कौन कितनी दूर तक बह सकता है? दूसरों की चाल चलते-चलते हम अपनी चाल भूल जाते हैं। हमें अपनी प्रकृति को जीना चाहिए। तेरी मेरी बात में इसी पर बात करेंगी आपकी होस्ट पूनम जैन।
Fri, May 29, 2020
एक रात ढंग से नींद पूरी न हो तो पूरे दिन की वॉट लग जाती है। हम ढंग से जगे रह सकें, इसके लिए सोना ज़रूरी है। पर, जगे रहकर भी सोते रहें, तब क्या? इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, इस विषय पर बात करेंगी।
Fri, May 22, 2020
मन शांत हो तो काम करने का तरीका बदल जाता है। काम करने में मजा आता है। गलतियां कम होती हैं। पर समस्या तो यही है कि मन को शांत रखें कैसे?इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, इस विषय पर बात करेंगी।
Fri, May 15, 2020
क्या आपको भी मदद मांगने में हिचक होती है, कि पता नहीं लोग क्या सोचेंगे? इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, इन्ही सब विचारो पर बात करेंगी।
Fri, May 08, 2020
कभी कभी जिसे हम बड़ी समस्या समझ रहे होते हैं, वो समस्या होती ही नहीं। इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, इन्ही सब विचारो पर बात करेंगी।
Fri, May 01, 2020
हर रिश्ते की एक उम्र होती है। और वो कितनी है, यह कोई नहीं जानता। ना ही हमारा कोई भरोसा है, ना ही सामने वाले का।इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, इन्ही सब विचारो पर बात करेंगी।
Fri, April 24, 2020
अनसर्टेन सी ज़िन्दगी को कैसे जिया जाए? क्या तरीका है सर्वाइव करने का? क्या सिर्फ परफेक्ट प्लानिंग से ही फ्यूचर सेट हो जायेगा? इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन , इन्ही सब विचारो पर बात करेंगी।
Fri, April 17, 2020
मेरी कौन मदद करता है? मैं क्यों सबकी परवाह करूं? अकेले मेरे करने से क्या हो जाएगा? इस एपिसोड में होस्ट पूनम, दिमाग में आने वाले इन ही सब सवालों के जवाब देंगी।
Fri, April 10, 2020
हमारी अपनी समस्याएं दूसरों का मुंह ताक रही होती हैं और हम दूसरों को उनकी समस्याएं सुलझाने के अचूक मंत्र बांट रहे होते हैं। इस एपिसोड में होस्ट पूनम, सलाह देने के शौकीनों को आज खुद सलाह देंगी।
Fri, April 03, 2020
कोविड -19 के चलते, हम सब लॉक-डाउन के मारे, घर में बंद पड़े हैं। इस एपिसोड में होस्ट पूनम, कभी गा कर, कभी प्रसिद्ध दार्शनिकों की बातें के द्वारा, तो कभी चुटकुले सुना कर हमें इस उदासी से लड़ने की तरक़ीब बताएंगी।
Fri, March 27, 2020
कोरोना वायरस के चलते दूरियां बनानी बहुत जरुरी हो गयी है पर अकेले होने से डरते क्यों है लोग? इस एपिसोड में होस्ट पूनम हमारी इसी सोच पर बात करेंगी।
Fri, March 20, 2020
कोरोना वायरस के चलते पैनिक हो रहे लोगो को क्या करना चाहिए? क्या इस बेचैनी का कोई फ़ायदा भी है ? इस एपिसोड में होस्ट पूनम हमारी इसी सोच पर बात करेंगी।
Fri, March 13, 2020
अंडरकन्फिडेंट लोगो के साथ क्या होता है ऐसा जो वो हमेशा सबसे अलग रहते हैं ? इस एपिसोड में होस्ट पूनम हमारी इसी सोच पर बात करेंगी।
Mon, March 09, 2020
थोड़े में खुश रहने की आदत के कई फायदे हैं। इस एपिसोड में होस्ट पूनम हमारी इसी सोच पर बात करेंगी।
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